Coronavirus पर नई एडवाइजरी- 2 नहीं, हवा में 10 मीटर तक फैल सकता है कोरोना वायरस

Coronavirus पर नई एडवाइजरी- 2 नहीं, हवा में 10 मीटर तक फैल सकता है कोरोना वायरस

सेहतराग टीम

सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपनी एक नई 'ईज़ी टू फॉलो' एडवाइजरी जारी की है, जिसमें यह बात कही गई है कि कोरोनावायरस के एयरोसोल्स हवा में 10 मीटर तक तैर सकते हैं। इस एडवाइजरी में कहा गया कि कोरोनावायरस संक्रमण मुख्य तौर पर लार और नाक के जरिए होता है, जिसमें वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल्स माध्यम से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। एक संक्रमित व्यक्ति के लार या नाक से ड्रॉपलेट्स दो मीटर दूर तक गिरते हैं, लेकिन जो छोटे एयरोसोल के कण होते हैं वह 10 मीटर तक हवा में फैल सकते हैं।

केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन के कार्यालय की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया है कि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए  फेस मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई और जरूरी वेंटिलेशन अभी भी प्रभावी तरीके हैं. एडवाइजरी में कहा गया है, 'भारत में महामारी के मामले बढ़े हैं, ऐसे में हमें फिर से याद करना होगा कि SARS-CoV-2 के संक्रमण को रोकने के लिए आसान तरीके इन्हें कम करने में मदद कर सकते हैं।

एडवाइजरी में क्या-क्या कहा गया है?

मास्क पहनिए

एडवाइजरी में कहा गया है कि लोगों को अभी डबल मास्किंग करनी चाहिए या फिर N95 मास्क पहनना चाहिए। डबल मास्किंग के लिए एक सर्जिकल मास्क के साथ एक टाइट, अच्छी तरह से कवर करने वाला मास्क पहनिए। जिनके पास सर्जिकल मास्क नहीं है वो दो सूती के मास्क पहन सकते हैं। सलाह दी गई है कि 'वैसे तो सर्जिकल मास्क बस एक बार इस्तेमाल करना चाहिए लेकिन आप एक बार इस्तेमाल के बाद इसे सूखे स्थान पर सात दिनों तक रखने के बाद इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करके आप पांच बार तक एक सर्जिकल मास्क इस्तेमाल कर सकते हैं।

सतह से संक्रमण

एडवाइजरी में सतह से संक्रमण पर फिर जोर दिया गया है। इसमें बताया गया है कि एक संक्रमित मरीज के नाक या मुंह से निकले हुए ड्रॉपलेट्स आसपास की सतहों पर पहुंच जाते हैं। सतहों पर वायरस ज्यादा लंबे वक्त तक बचा रह सकता है। ऐसे में ज्यादा संपर्क में आने वाली सतहों, जैसे- दरवाजों के हैंडल, स्विचबोर्ड, मेज-कुर्सियां, फर्श वगैरह को डिस्इंफेक्ट करते रहना चाहिए।

वेंटिलेशन का खयाल

वेंटिलेशन का खास ध्यान रखने को कहा गया है। इससे एक संक्रमित शख्स से दूसरे शख्स तक संक्रमण के फैलने का खतरा कम होता है। पंखों को सही जगह पर रखने, लगवाने के साथ दरवाजे-खिड़की खोलने याा फिर खिड़की थोड़ा सा भी खोलकर रखने से हवा का प्रवाह बना रहता है और संक्रमण का खतरा कम होता है, वहीं अंदर के हवा की गुणवत्ता भी सुधरती है।

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